राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सरकारी व वित्त पोषित स्कूलों में 9 वीं और 11वीं कक्षा में पढ़ रहे छात्र इस भी बार भी पदोन्नत नीति के तहत अगली कक्षा में जाएंगे। शिक्षा निदेशालय ने कोरोना से बचाव के तहत...
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सरकारी व वित्त पोषित स्कूलों में 9 वीं और 11वीं कक्षा में पढ़ रहे छात्र इस भी बार भी पदोन्नत नीति के तहत अगली कक्षा में जाएंगे। शिक्षा निदेशालय ने कोरोना से बचाव के तहत घोषित बंदी के चलते व्यवहारिक कक्षाएं आयोजित होने की वजह से इन दोनों कक्षाओं के छात्रों को पास करने के लिए इस बार भी पदोन्नत नीति लागू करने का फैसला लिया है।बीते शैक्षणिक सत्र में लागू की गई थी पदोन्नत नीति
बीते शैक्षणिक वर्ष में मार्च के आखिरी सप्ताह में कोरोना से बचाव के चलते स्कूलों को अनिश्चितकाल के लिए बंद करना पड़ा था। जिसके तहत छात्रों की वार्षिक परीक्षा आयोजित नहीं हो सकी थी। ऐसे में शिक्षा निदेशालय ने शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत पहली से 8वीं तक के छात्रों को सीधे पदोन्नत कर दिया था, लेकिन 9वीं और 11वीं के छात्रों के लिए कोई नीति ना होने के चलते एक बार के लिए पदोन्नत नीति तैयार की थी। जिसे चालू शैक्षणिक सत्र में भी लागू करने का फैसला शिक्षा निदेशालय की तरफ से लिया गया है।
अर्ध वार्षिक, वार्षिक और प्रेक्टिकल के आधार पर होगा मूल्यांकन
शिक्षा निदेशालय से मिली जानकारी के मुताबिक पदोन्नत नीति के तहत 9वीं और 11वीं के छात्रों का मूल्यांकमन अर्ध वार्षिक , वार्षिक , आंतरिक मूल्यांकन और प्रेक्टिकल के आधार पर होगा। निदेशालय ने पास होने के लिए न्यूनतम अंक 33 निर्धारित किए हैं। जिसके तहत छात्रों को मुख्य पांच विषय में यह अंक लाने होंगे।
अधिकतम 15 अंक का ग्रेस मिलेगा
निदेशालय के मुताबिक छात्रों अगर पास होने के लिए निर्धारित न्यूनतम अंक नहीं लाता है, तो उसे अधिकतम 15 अंक का ग्रेस दिया जाएगा। वहीं अगर छात्र इसके बाद भी पास नहीं होता है और एक विषय में 33 से कम लाता है, तो परिणाम जारी होने के एक महीने बाद होने वाली कंपार्टमेंट परीक्षा के लिए वह पात्र होगा।
अर्धवार्षिक परीक्षा ना देने वाले छात्र कंपार्टमेंट परीक्षा में बैठ सकेंगे
शिक्षा निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि अगर कोई छात्र अर्धवार्षिक परीक्षा में अनुपस्थित है या मेडिकल समेत अन्प्य कारणों से अर्धवार्षिक परीक्षा नहीं दे सका है, तो पदोन्नत नीति ऐसे छात्रों में लागू नहीं होगी। इसके लिए उन्हें परिणाम जारी होने के बाद आयोजित होने वाली कंपार्टमेंट परीक्षा में बैठना होगा।
अधिकतम 15 अंक का ग्रेस मिलेगा
निदेशालय के मुताबिक छात्रों अगर पास होने के लिए निर्धारित न्यूनतम अंक नहीं लाता है, तो उसे अधिकतम 15 अंक का ग्रेस दिया जाएगा। वहीं अगर छात्र इसके बाद भी पास नहीं होता है और एक विषय में 33 से कम लाता है, तो परिणाम जारी होने के एक महीने बाद होने वाली कंपार्टमेंट परीक्षा के लिए वह पात्र होगा।
अर्धवार्षिक परीक्षा ना देने वाले छात्र कंपार्टमेंट परीक्षा में बैठ सकेंगे
शिक्षा निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि अगर कोई छात्र अर्धवार्षिक परीक्षा में अनुपस्थित है या मेडिकल समेत अन्प्य कारणों से अर्धवार्षिक परीक्षा नहीं दे सका है, तो पदोन्नत नीति ऐसे छात्रों में लागू नहीं होगी। इसके लिए उन्हें परिणाम जारी होने के बाद आयोजित होने वाली कंपार्टमेंट परीक्षा में बैठना होगा।
अधिकतम 15 अंक का ग्रेस मिलेगा
निदेशालय के मुताबिक छात्रों अगर पास होने के लिए निर्धारित न्यूनतम अंक नहीं लाता है, तो उसे अधिकतम 15 अंक का ग्रेस दिया जाएगा। वहीं अगर छात्र इसके बाद भी पास नहीं होता है और एक विषय में 33 से कम लाता है, तो परिणाम जारी होने के एक महीने बाद होने वाली कंपार्टमेंट परीक्षा के लिए वह पात्र होगा।
अर्धवार्षिक परीक्षा ना देने वाले छात्र कंपार्टमेंट परीक्षा में बैठ सकेंगे
शिक्षा निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि अगर कोई छात्र अर्धवार्षिक परीक्षा में अनुपस्थित है या मेडिकल समेत अन्प्य कारणों से अर्धवार्षिक परीक्षा नहीं दे सका है, तो पदोन्नत नीति ऐसे छात्रों में लागू नहीं होगी। इसके लिए उन्हें परिणाम जारी होने के बाद आयोजित होने वाली कंपार्टमेंट परीक्षा में बैठना होगा। अधिकतम 15 अंक का ग्रेस मिलेगा
निदेशालय के मुताबिक छात्रों अगर पास होने के लिए निर्धारित न्यूनतम अंक नहीं लाता है, तो उसे अधिकतम 15 अंक का ग्रेस दिया जाएगा। वहीं अगर छात्र इसके बाद भी पास नहीं होता है और एक विषय में 33 से कम लाता है, तो परिणाम जारी होने के एक महीने बाद होने वाली कंपार्टमेंट परीक्षा के लिए वह पात्र होगा।
अर्धवार्षिक परीक्षा ना देने वाले छात्र कंपार्टमेंट परीक्षा में बैठ सकेंगे
शिक्षा निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि अगर कोई छात्र अर्धवार्षिक परीक्षा में अनुपस्थित है या मेडिकल समेत अन्प्य कारणों से अर्धवार्षिक परीक्षा नहीं दे सका है, तो पदोन्नत नीति ऐसे छात्रों में लागू नहीं होगी। इसके लिए उन्हें परिणाम जारी होने के बाद आयोजित होने वाली कंपार्टमेंट परीक्षा में बैठना होगा। अधिकतम 15 अंक का ग्रेस मिलेगा
निदेशालय के मुताबिक छात्रों अगर पास होने के लिए निर्धारित न्यूनतम अंक नहीं लाता है, तो उसे अधिकतम 15 अंक का ग्रेस दिया जाएगा। वहीं अगर छात्र इसके बाद भी पास नहीं होता है और एक विषय में 33 से कम लाता है, तो परिणाम जारी होने के एक महीने बाद होने वाली कंपार्टमेंट परीक्षा के लिए वह पात्र होगा।
अर्धवार्षिक परीक्षा ना देने वाले छात्र कंपार्टमेंट परीक्षा में बैठ सकेंगे
शिक्षा निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि अगर कोई छात्र अर्धवार्षिक परीक्षा में अनुपस्थित है या मेडिकल समेत अन्प्य कारणों से अर्धवार्षिक परीक्षा नहीं दे सका है, तो पदोन्नत नीति ऐसे छात्रों में लागू नहीं होगी। इसके लिए उन्हें परिणाम जारी होने के बाद आयोजित होने वाली कंपार्टमेंट परीक्षा में बैठना होगा।